पानीः सरकार ने इलाज तो बहुत किया, लेकिन बीमारी ज्यादा बड़ी है

 


पानीः सरकार ने इलाज तो बहुत किया, लेकिन बीमारी ज्यादा बड़ी है




खास बातें



  • अरविंद केजरीवाल सरकार ने पिछले पांच साल में 1047 किलोमीटर पानी की पाइपलाइन बदली/नई डाली

  • 372 किलोमीटर सीवर की लाइन बदली गई/नई डाली गई



 

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली में साफ पानी देने के मुद्दे पर घिर गए हैं। स्वच्छ जल की उपलब्धता पर बीआईएस की रिपोर्ट को नकारने के बाद शुक्रवार को अरविंद केजरीवाल ने स्वयं यह माना कि दिल्ली की अनेक जगहों पर स्वच्छ जल की उपलब्धता आज भी सुनिश्चित नहीं की जा सकी है। वहीं, भाजपा पानी के मुद्दे पर लगातार आक्रामक है। उसने आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल सरकार दिल्ली के लोगों को साफ पानी देने के मुद्दे पर नाकाम साबित हुई है। भाजपा ने एक वीडियो जारी कर कहा कि अरविंद केजरीवाल वर्ष 2014 से ही दिल्ली को अगले ही साल तक हर घर को टोंटी के जरिए पानी पहुंचाने का दावा करते रहे हैं। लेकिन 2015, 2016, 2017 और 2019 में किए गए ऐसे ही दावों के बावजूद वे अब तक दिल्ली को साफ पानी उपलब्ध नहीं करवा सके हैं।  


क्या है सच्चाई


दरअसल, इस क्षेत्र में काम कर रहे विशेषज्ञों का कहना है कि अरविंद केजरीवाल सरकार ने दिल्ली को साफ पानी उपलब्ध कराने के लिए काफी काम किया है, लेकिन लंबे समय की समस्या, बढ़ती आबादी और दिल्ली के पास अपने जलस्रोत का न होना इस समस्या को गंभीर बना देता है। यही कारण है कि सरकार के द्वारा किए गए कामों का भी खास असर दिखाई नहीं देता है। 


 

दिल्ली सरकार से मिली जानकारी के मुताबिक अरविंद केजरीवाल के सत्ता संभालने के बाद वर्ष 2015 में 1047 किलोमीटर पानी की पाइपलाइन बदला है या नई पाइप लाइन बिछाई गई है। वर्ष 2015 में 133 किमी, 2015-16 में 158 किमी, 2016-17 में 211 किमी, 2017-18 में 263 किमी और 2018-19 में 282 किलोमीटर पाइप लाइन बदली गई हैं। इसी प्रकार वर्ष 2015-16 में 44 किलोमीटर, 2016-17 में 57 किमी, 2017-18 में 87 किमी, 2018-19 में 123 किलोमीटर सीवर लाइन बदली गई है।


क्यों होती है परेशानी


दरअसल, दिल्ली में पीने के साफ पानी के रास्ते में सबसे बड़ी समस्या पेयजल में सीवर की गंदगी का मिल जाना है। जानकारों के मुताबिक सीवर लाइन और पीने की पाइपलाइन ऊपर-नीचे बिछाई गई हैं। यही कारण है कि सीवर लाइन या पानी की लाइन के फटने के कारण गंदगी पीने के पानी में मिल जाती है। यह पानी सीधे लोगों के घरों में सप्लाई होता है जिसे पीकर लोग बीमार पड़ जाते हैं।

जानकारी के मुताबिक पानी के मामले में जितने भी उपभोक्ताओं ने शिकायत दर्ज कराई है, उनमें से अस्सी फीसदी पानी में गंदी बदबू, गंदा कीचड़ मिले हुए होने की होती है। यह शिकायत सीवर की गंदगी पीने के पानी में मिल जाने के कारण होती है।  


क्या हुआ परिणाम


गंदा पानी पीने के कारण लोगों को डायरिया और पेट से संबंधी अनेक बीमारियां होती हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन के मुताबिक पिछले चार वर्षों में दिल्ली में 2188253 लोगों को डायरिया की बीमारी हुई है। अस्पतालों में 19,283 कॉलरा के केस रजिस्टर हुए हैं।